यात्रा


 यात्रा पर जाने के बाद से वापस हमारे घर लौट कर आने तक आश्चर्यों का एक गुच्छा हमारे साथ-साथ चलता है,कोइ भी नये दृश्य देख लेने का आश्चर्य, नये लोंगो से मिल लेने का आश्चर्य, पहाड़ चढ़ने का आश्चर्य, पहाड़ पर बादलों संग बत्तकुच्ची करने का आश्चर्य, रात होते जंगली जानवरों से डरने का आश्चर्य,पहाड़ों की सरकती सड़कों से फिसल कर गिर जाने का आश्चर्य

यात्रा खत्म हो जाने के बाद हम उस जगह से अधिक वहाँ हुए अपने अपने हिस्सों के आश्चर्यों को ही तो याद करते हैँ

                                               जीवन हमारे अलग-थलग आश्चर्यों का समावेश ही तो है

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