तुम और तुम्हारे ख्याल
एक ख्याल के आने से
कितने ख्याल गायब हो जाते हैं
हवा में कहीं उड़ जाते हैं
अंतरिक्ष में कहीं खो जाते हैं ,
ख्यालों का कोइ अस्तित्व नहीं होता
वो शुरु होने के साथ ही
खत्म हो जाने के कॉन्ट्रेक्ट के साथ आते हैं ,
तुम्हे पता है ?
तुम्हे और तुम्हारे ख्यालों को
एक लंबी सज़ा होगी
और उनपर इल्ज़ाम होगा
मेरे और सभी ख्यालों की
हत्या का
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